चलो यारो मिलेंगे वो ,
बली प्यारे गजानन से ।
लगायेंगे धुली उनके ,
कदम की गौर कर सिरसे || टेक||
हजारों लोग जाते हैं ,
भरे दरबार में उनके ।
बसे शेगांव में जाकर ,
दया करते है हर हरसे ॥१ ॥
दिगंबर रुपको देखो ,
तो मनकी प्यास जाती है ।
उमलती है कली दिलकी ,
दूर जाता है मन डरसे ॥२ ॥
वो तुकड्यादास कहता है ,
चलो यारो मिलेंगे सब ।
उध्दारे जीव देखेसे ,
करेंगे नमन आदर से ॥३ ॥
जय गजानन माऊली गण गण गणात बोते
उत्तर द्याहटवा