गुरुराया झणीं भेट
झणि भेट सख्या, गुरुराया !
गुरुराया गा ! // धृ. //
तुज वाचुनिया जीव उदासी
ने ओढुनिया माया गा ! // १ //
विषय विकारे मन घे गोते
स्थीर न राहे काया गा ! // २ //
सत्संगतिचा लाभ न पावे
जाईल वेळ ही वाया गा ! // ३ //
तुकड्यादास म्हणे निववी मज
करुनि कृपा दीना या गा ! // ४ //
वंदनीय राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराजांचा भजन - प्रचार उपक्रम !
उत्तर द्याहटवा