पैर मिलाकर के चलो
( तर्ज : नैन मिले चैन कहाँ ... ? )
पैर मिलाकर के चलो
सब के हाथ एक धरो
बाद में हमारा साथ करो ! ॥ टेक ॥
संगठन की रीत यही ।
तब होगी जीत कहीं ॥
सेवा की बात भरो ।
बाद में हमारा ...
मतलब की रीत जहाँ । ॥१।।
नहिं होती जीत वहाँ ॥
गर ये हो तो पिछु सरो ।
बादमें हमारा ... ॥२ ॥
मुंहपे कहे मीठी बात ।
अन्दर से दिल जलात ॥
ऐसोका त्यागी नात ।
बादमें हमारा ...।
अन्दर हो साच प्रेम । ...॥ ३ ॥
चरित्र - नीतिशुद्ध नेम ॥
यही धरके दिलमें काम ॥
बादमें हमारा ... ॥ ४ ॥
तुकड्या की है पुकार ।
आओ सब करणधार ॥
करने को हित - उद्धार ॥
बादमें हमारा .. ॥५ ॥
रामगोपाल मंदिर , अयोध्या ;
दि . १३-८-६२
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