तुम्हारे लिये ही
( तर्ज : सौ साल पहिले ... )
तुम्हारे लिये ही हमने
छोडे घरबार है ।
इसीके लिये ही बाबा !
तेरा इंतजार है ।
काम - क्रोध दंभ सारे ,
लडके करने पार है ।
इसीके लिये ही बाबा !
तेरा इंतजार है ! || टेक ||
आँखे लगा न करो प्रभुजी !
मेरी छाती दुख पाती है ।
मेरे लिये आँख खोलो ,
मूर्ति नैन भाँती है ॥
जीते रहेंगे हम इसीपर ,
चढा तेरा तार है ।
इसीके लिये ही बाबा !
तेरा इंतजार है ! ||१||
पूजा ना हमारी कोई ,
कोई सिवा याद के ।
खजाने हमारे कोई ,
नहीं बिना नाम के ॥
मस्ती है खुराक दिलमें ,
बाबा के दीदार है ।
इसीके लिये ही बाबा !
तेरा इंतजार है ! ||२||
बिछाई है कम्बल ये ,
दिल में प्यार सोचके ।
हटेंगे नहीं हम - चाहे
वर्ष भर भी हो चुके ॥
यही किया हमने ,
दिल में तेरा इकरार है ।
इसीके लिये ही बाबा !
तेरा इंतजार है ! ||३||
सभी संत एकही है ,
एकही है ग्यान में ।
मित्र सभी के बनो ,
बनाओ तूफान में ॥
यही दास तुकड्याने भी ,
लिया - दिया सार है !
इसीके लिये ही बाबा !
तेरा इंतजार है !
" देसाईगंज ; दि . ७.१०. ६२
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