बातें ना बताओ
( तर्ज : जावो , ना सतावो रशियाँ ... )
दोहा-१ :किसकी छाती है बडी ,
कभू न बोले झूठ |
चाहे मुसिबत आ पड
प्राण जाये यदि छूट |
दोहा- २ : हम हैं परींदे स्वर्गके खाते
गर्व गुमान
सच बोले , सचही चले ,
उन्हें निछावर जान
भजन : बातें ना बताओ मेहमान !
उसमें हो साची शक्ति महान् ! ॥
भले कोई काव्य करता हो ,
भले कोई लेख लिखता हो
असर करती न जनपे तान ,
बातें ना बताओ मेहमान ! ॥१ ॥
भले कोई भेख बनवाये ,
भले कोई अर्थ बतलाये ।
व्यर्थ ही रहता है सारा बयान ,
बातें ना बताओ मेहमान ! ।।२ ।।
भले सत्ता रहे करमें ,
भले भत्ता मिले घर में ।
असर ये चीज है निर्बाण ,
बातें न बतओ मेहमान ! ।। ३ ।।
इसी कारण से कहता हूँ ,
अलग दुनियाँ से रहता हूँ ।
तुकड्या कहे , नहीं अरमान ,
बातें ना बताओ मेहमान ! ।।४ ।।
मालेगाँव रेल्वे प्रवास ;
दि . ७ - ९ -६२
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