लिया , ले लिया जी ?
( तर्ज : जिया ले गयोजी , मोरा सांवरिया )
लिया , ले लियाजी मैंने मोल लिया ।
कछु दिया नहीं धन , मैंने प्रेम किया
ये सही है , ये सही है ।
सुना नहीं मैने , दिल -मनसे लिया ॥
देखा तो पास गया , मैं चमक गया ।
सुन्दर साज था मीठा , ओ बाज था ।
वो था , जो दिलमें ही
छाय गया ॥ लिया ... ॥१ ॥
कौन कहे , कौन कहे ?
नहीं मेरा प्यारा वो मोहन भया ।
होता न न्यारा हमसे , मैं जान गया ।
मीठी सी बाँसरी , हाथोंमें थी धरी ॥
तुकड्याने उसको समाय लिया ॥
लिया ... ॥ २ ॥
मालेगाँव ; दि . २२-७-६२
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