दिल मेरा
( तर्ज : मजसवे बोलरे माधवा ... )
दिल मेरा खैचिये साँवरे ॥
मैं नहीं इस लायक ,
प्रभू मोरे ! ॥ टेक ॥
चाहता हूँ , मन स्थीर ना होवे ।
आपही बिगडे , आपही रोवे ॥
इसही लिये कहता हूँ सबेरे ||१||
अबके दिन नहीं जावे खाली ।
तुम्हरे ध्यान बिना वनमाली ॥
सुमरण हो तेरा नन्द - दुलारे ! ॥ २ ॥
तुमही बसो मनमें घनःश्यामा ।
मन पावे जिससे कि विरामा ।
यह जीवन सुखी होय हमारे ।।३ ।।
हाथ करें यहि काम जगत के ।
अंतरमन तुम्हरे हो मत के |
जनम जनम रहूँ सेवक द्वारे ॥४।।
अब नहिं जाने देवो कुसंगा ।
तुकड्यादास रहे सत्संगा ।।
तुम बिन दास को
कौन उधारे ? ॥ ५ ॥
गोंदिया ;
दि . २१ - ९ -६२
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