जगत् जननी
( तर्ज : मंगलमय नाम तुझे ... )
जगत्-जननि जानकिको
यह प्रणाम है || टेक||
आदि शक्ति महामाया ,
तुमहीने जग बनाया ।
सिय का रूप धरि - धरिके ,
किन्हों काम है ॥१ .।।
तप में तू तपस्विनी ,
जप में जय जापिनी !
श्रीराम काम व्यापिनी ,
जाहीर आम है ! ॥२ ॥
तुम्हरि शक्ति राम बने ,
सीयाराम नाम बने ।
पूरन अवतार तुम्हें ,
लो प्रमाण है ||३||
मंगलमति मांगल्ये ,
जीवन -सुख साफल्ये
तुकड्या के तव चरण ,
कोटी प्रणाम है ॥४ ॥
राजगोपाल - मन्दिर , अयोध्या ;
दि . १४-८-६२
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