सब मिलके प्रार्थना है
( तर्ज : जैसा किया है तूने ... )
सब मिलके प्रार्थना है ,
गुरुदेवसे हमारी ।
सबका भला हो जगमें ,
यहि कामना हमारी ॥ टेक ॥
व्यसनों को छोड़ करके ,
कटु बात तोड करके ।
व्यवहार - शुद्ध हम हों ,
हो भावना हमारी ।।१ ।।
सब मानवोंसे प्रीती ,
उद्योगशील नीति ।
चारित्र्य - शुद्ध कीर्ति ,
यही याचना हमारी ॥२ ॥
सेवा हो धन हमारा ,
संतोष मन हमारा ।
सबसे ही बंधुता हो ,
यहि वन्दना हमारी ।।३ ।।
हम तत्त्वनिष्ठ बनके ,
सबही को छान करके ।
हम राष्ट्र धर्म माने ,
यही अर्चना हमारी ||४ ||
तुकड्या कहे ये बुद्धि ,
करदो प्रदान हमको ।
हम शरण है तुम्हारे ,
लो ' जयगुरु ' हमारी ॥५ ॥
आमगांव ,
दि . १७. ९. ६२
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