पीछे - पीछे चलो लगा
( तर्ज : बार - बार तोहे क्या समझाये )
साधु : पीछे - पीछे चलो हमारे !
तरनेको संसार ।
चेला : भरोसा तुम्हारा क्या है ,
करनेको बेडा ये पार ??
साधु : भवसागरकी गहरी नदियाँ
तुम जाओगे डुब
चेला : तुम्ही तार दोगे कैसे ,
इसका है कौन सबूत ? ||टेक् ||
: अंतरा :
साधु : ज्ञान भरा है ,
भाव - भक्तिका त्याग हमारे साथ ।
चेला : कितनेहि कितनेहि
त्यागीयोंने छोडी धरम की बात
साधु : सभी तो ऐसे नहीं
जगत्में जो होगे बैमान ।
चेला : उन्हींके चरणमें हमको ,
दे देना बाबा ! अधार ॥
साधु : पीछे - पीछे
चलो हमारे ! ।।१ ।।
चेला : हम चाहते है ,
मिलन प्रभूका ,
आपहि मार्ग बताव
साधु : सभीने ये गाया बंदे ,
सुमरो प्रभू के नाव ॥
चेला : कई भिखारी गल्ली गल्ली
गाते मुख से नाम ।
साधु : जितना भि चाहे कोई ,
उतना प्रभू दे अधार ॥
साधु : पीछे - पीछे
चलो हमारे ! ॥२ .॥
चेला : हम चाहते हैं ,
यहाँ वहाँ भी मिले प्रभूका संग ।
साधु : काम - क्रोधपर ताब रखो
तो फेर चढेगा रंग ||
चेला : कैसे ध्यान करें बतलाओ ,
पटी तुम्हारी बात ।
साधु : कहे दास तुकड्या बंदे ,
दिलमें बिठाओ तार ॥
साधु : पीछे - पीछे
चलो हमारे ! ॥३ ॥
पंढरपूर प्रवास ; दि . ९ - ७-
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