कहाँ ? किसने देखा
( तर्ज : तूं कर्ता आणि करविता ... )
कहाँ किसने देखा , कहाँ किसने देखा ?
हमारी नजर का तारा ! ॥ टेक ॥
उसके मिलने को , दिल तडफत है ,
कोई मिलादो प्यारा ।
आफत है नहीं तो इस दिलमें ,
होगा सभी अँधियारा ॥
इस कारण कहता - चिल्लाता ,
दर्द मिटा दो सारा ! ॥१ ॥
वाटल में छूपी है ज्योति ,
मोति कहाँ है हमरा ?
उसके दर्शनसे दुख जाये ,
यहि हमरा निर्धारा ॥
आओ मिलाओ कोई तो सुजनो !
तुकड्यादास पुकारा ॥२ ॥
नागपुर - सेवाश्रम ;
दि . १४-१९०-६२
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