प्यारे तू दिल को टटोल !
तेरे बिच कौन है चेतन ,
बोल ?? ॥ टेक ॥
जड़ - चेतन की
संगम धारा ।
इससे ही तू सुन्दर प्यारा ॥
दिखता है सबको अमोल ! ॥१ ।।
चेतन जब उड जावे जडसे ।
तब मुरदा कहलावे भड्से ।।
जाता है जलने को , डोल ! ॥२ ॥
चेतन ही चेतन रह जावे ।
तब दुनिया की मौज न पावे ॥
खाली घूमेगा खगोल !॥३ ॥
माया ब्रह्म इसे कहते हैं ।
मिल - जुलके जग में रहते हैं ।
तुकड्याने तोला हैं , तोल !
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