छल न कर
( तर्ज : हम भी है तुम भी हो ... )
छल न कर , बल न कर ।
तेरी खलबल से तूही सुधर ! ॥ टेक ॥
किसकी जवानी वो धुलमें मिलावे ।
किसकी जवानी से आजादी पावे ॥
आबादी लावे ।
चल उछल , अन न ढल ॥
तेरे भारत की करले फिकर ! ॥१।।
सुन्दर तेरा देश सबसे भरा
' मोती जवाहर ' है , इसमें हिरा ॥
करके होता पुरा ।
दे नजर , ख्याल कर
हो जो दुश्मन भी करले जिगर ! ॥२ ॥
किसकी है शक्ति तुझे तोड़ दे ।
तेरा संगठन ही दुही जोड दे ॥
रही साथ ले
याद कर , ध्यान कर ॥
सारे घर - घर की बदला नजर ! ॥३ ॥
दुही के पडदे जहाँ है बँधे ।
जल जाके प्रीतीसे तू फाड़ दे ।।
दिल न कर दे जुदे ।
बढ़ के चल , लड के चल ।
दास तुकड्याकी
सुन ले खबर ।।४ ।।
रेल्वे प्रवास , अमलनेर ;
१३ - ९ -६२
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