( तर्ज - किस देवताने आज मरा ० )
ऐ कृष्ण ! तेरा नाम तो ,
मुझको अधार है ।
तेरा भरोसा है ,
तेरी महिमा अपार है || टेक ||
ना रहे मन धीर
जगत - जाल मालमे
बस , ध्यान तेरा
जानसे लगाही तार है || १ ||
मोर - मुकुट कुंडल
गले वैजयंति हो ।
आँखें लगी रहे ,
यही देखूँ दिदार है || २ ||
और तो सभी भरे
है कामके गड़ी ।
बस , रूप तेरा चक्र
बेडा करत पार है ॥३ ॥
तुकड्या कहे प्रभू !
हमें न छोडिये कभी ।
तेरी लगनमें चूर हो ,
यह तन निसार है || ४ ||
टिप्पण्या
टिप्पणी पोस्ट करा