( तर्ज - जिंदगी सुधार बड़े ! यही तेरो ० )
नाम तेरा प्यारा सबमें ,
प्रेम तेरा साच है ॥टेक ॥
मीठा तेरा रूप दिलमें ,
जाय बसे मनके मनमें ।
आसा ना पुरे जीवनमें ,
और बढे प्यास है ॥ १ ॥
बोधके फुँवारे छूटे ,
विषयके कहारे टूटे ।
लोभ , दंभ , माया सारी ,
पाप होत नाश है ॥ २ ॥
जपे नाम जो जो दिलमें ,
जाय प्रभूके चरणन में ।
कहे दास तुकड्या हरिके ,
रूप होत खास है ॥३ ॥
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