( तर्ज - मेरो प्रभू झूला झुले )
नश्वरपर मत रखना भरोसा
सत्संग बिन कोउ
मिटा दे न प्यासा ॥ टेक ॥
या जगमें एक प्रभु - भक्ति साथी ,
स्वानंद निज - सुख श्वासा ।
और न कोउका साथ करो तुम ,
सब झूठ जगका तमासा ॥ १ ॥
अमर बिना प्रभुके नही कोई ,
ढुंढत तीरथ - बासा ।
कहे दास तुकड्या ,
करो सत् - संगत् ,
मीटे यह जीवका फाँसा ॥ २ ॥
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