( तर्ज दिखादो नजरसे यह जलवा ० )
कसम तेरि मौला ! तुही एक मेरा ।
गुनहगार बंदा यह
बेशक तुम्हारा || टेक ||
तेरी हुस्नको देखने की खुशी है ।
दया करके जलवेका
देदो दिदारा ॥ १ ॥
यही आस है खास ' तुझमें रहूँ मैं ' ।
तू करदे उजारा ,
न रख अब नियारा ॥२ ॥
किया जबसे मैंने है कुर्बान तनको ।
तभीसे लिया है
हुजुरका सहारा ॥ ३ ॥
कहे दास तुकड्या ,
तुम्हें क्या सुनाना ? |
सुना है तुम्हीने तो
दिलही हमारा ॥ ४ ॥
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