( तर्ज - किस देवताने आज मेरा ० )
धन एक है बडा ,
प्रभु के चरण धर लिया ।
और तो किया न किया ,
राम भज लिया ॥ टेक ॥
कौड़ि कौड़ि जोडके
न साथ आयगी ।
गर राम साथ कर लिया
तो दुःख हरलिया ।। १ ।।
तीरथों में क्या रहा
बिन भक्तिको किये ? ।
घरमें प्रभू - स्मरण किया ,
करना सभी किया ॥ २ ॥
कहत तुकड्यादास खास ,
चित्त स्थिर किया ।
आत्म - ज्योति पाइ तभी ,
देव भर लिया || ३ ||
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