( तर्ज - किस देवंताने आज मेरा ० )
प्रभुके बिना न सकल
जगत आवे काम है ।
बस खोज तो यही मिली
कि ' साथि राम है || टेक ||
उसके बिना घुमो सभी ,
न पार पायगा ।
सब स्वारथी हैं लोग
लोभके सकाम हैं ॥१ ॥
द्रव्य देखकर सभी ,
भली भलाई ले ।
दीनपे न देखे जरा दे अराम हैं ॥ २ ॥
आसरा बड़ा प्रभू जिसे दिलायगा
उसकाहि बेडा पार है ,
बस सिद्ध काम है ॥३ ॥
प्यारे ! सुनो यह बात
राम - भक्ति रँग रहो ।
तुकड्या कहे तर जाओगे
प्रभुकेहि धाम है ॥४ ॥
टिप्पण्या
टिप्पणी पोस्ट करा