( तर्ज - नागनी जुल्फॉपे दिल ० )
नेकी कर तो इस जगमे सलाम है ।
बद्दीवालोंका जीवन
बदनाम है ||टेक||
गरचे विषयोंको चाहो
तो विष होयगा ।
यार ! हरको रिझाओ
तो हर पायगा ।
कर ले नेकी और
तर जा गुलाम ! है || १ ||
अपने मस्तीकी रंगतमें
रख ध्यानको ।
सीधा ले चल वलीयोंकि
कहे जानको ।
दूजा दुनियामें है
ना कलाम है || २ ||
छोड दुश्मनकी संगत ,
न चलभी वहाँ ।
जो कि पढ़ना सो पढ़
आखरी जो रहा ।
कहता तुकड्या
प्रभूका ले नाम है || ३ ||
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