( तर्ज - मैं एक छोटासा बच्चा हूँ . )
मेरी अर्जी है चरणों में -
दुष्ट काम का भान ,
कभी ना दे भगवान ! ॥ टेक ||
जहाँ जहाँ जाऊँ ' सब मेरे ' ,
ऐसा प्रेम मुझे दे ।
लंद फंद और झूठे झगडे ,
इनमें मत बहने दे ।।
सीधा सादा ही , दिन काटूं ,
निंदा किसिकी कान
कभी ना दे भगवान ! ॥ १ ॥
हिन्दू हो , इस्लाम , यहूदी ,
बुद्ध पारसी कोई ।
सबही नारायन रुप देखूं ,
सुख पाऊँ मन माँही ॥
ऐसी मानवता हृदय बसे ,
अन्य कोई भी ध्यान
कभी ना दे भगवान ! ॥ २ ॥
गरिब अमिर या ऊँच - नीच का ,
भेद न मनमें आवे ।
दुनिया भर के सन्त कोई हो ,
मन उनके गुण गावे ॥
पूजा यह मेरी - जन - कल्याण ,
दूजा कोई ना तूफान
कभी ना दे भगवान ! ॥ ३ ॥
मुक्त ना खाऊँ बिना परिश्रम
जहाँ कही मै जाऊँ
तुकड्यादास कहे खंजडी ले
दिनभर बजन सुनाऊ
ऐसा जीवन हो अन्त सधे
कोई दुसरा दान
कभी ना दे भगवान || ४ ||
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