( तर्ज - संगत सतनकी करले ० )
किसने चैन सिखाया है ?
सभी घर - माल
बिकाया है || टेक ||
बालापनमों सोबत लागी ,
ठाठ दिखाया है ।
खावे माल चटूरा फिरके ,
कर्ज बढ़ाया है ।। १ ।।
विषय - जालमें पैसा खोया ,
फिरके रोया है । "
बाप - बड़ोंने खेत कमाया ,
मोल बिकाया है || २ ||
आखिर होकर फकीर झोली ,
काँधे लगाया है ।
घर घर माँगे भीख ,
आखरीमें पछताया है || ३ ||
कहता तुकड्या झूठे जनके ,
सँगसे पाया है ।
अब क्या होता बखत गयेपर ?
क्यों तू सोया है ? ॥४ ॥
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