( तर्ज - हरिका नाम सुमर नर ० )
आसामी भाई के खातिर ,
धीर दिलाने आये हम ।
हिंमत मत छोडो संकटमें ,
विजय इसीमें पाये हम || टेक ||
शत्रूने हमला ला करके ,
जगमे खुद बदनामि किया ।
बुरा नतीजा होगा इसका ,
उसको कर दिखलाये हम ॥ १ ॥
बच्चा - बच्चा साथ तुम्हारे ,
लडनेको इस दुष्मनसे ।
कायर बनके नहीं रहेंगे ,
या तो सब कट जायें हम ॥ २ ॥
जिस भारतने ज्ञान दिया ,
वह रहन - सहन इन्सानीका |
उसीपर गोलीबार चलाना ,
नीति तुम्हारी पाये हम ॥ ३ ॥
आसामी , बंगाली , हिमालय
नहीं छोड़ेंगे- याद रखो ।
तुकड्यादास कहे , अब लडलो ,
गरज - गरज बतलाये हम ॥ ४ ॥
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