( तर्ज - छंद )
देशके प्यारे वीर शहीदो !
तुमको करूं प्रणाम ।
तुम्हरे ही कुर्बानी से
यह उजला देश तमाम || टेक ||
शत्रूने तो नीति छोडकर ,
हमपर मारा वार ।
तुम्हरी कुर्बानी से अबके ,
शत्रू बने नादार || १ ||
याद रहेगी पाकिस्तानको ,
हम कैसे है वीर |
मर मिटनेको जरा न डरते ,
भारत के रणधीर || २ ||
धन्य तुम्हारी माता जिसने ,
तुमको जन्म दिलाये ।
देशके खातिर बलि वेदीपर ,
तुमको दिया चढाये || ३ ||
जुग जुग जीये कीर्ति तुम्हारी ,
भारत के भंडार ।
रंग चढाया इतिहासको ,
पढले लाखों बार || ४ ||
जाति - पातिका , धर्म - पक्ष का ,
नहीं बनाया भेद ।
भारत माँ के पुत्र समझकर ,
किया शत्रुको छेद || ५ ||
तुम्हरे जैसे लाखों है
यह देश पुकारे आज ।
आगे भी इस भारत माँ की ,
सदा बचेगी लाज ॥६ ॥
तनसे , मनसे , धनसे , सारा ,
देश हुआ हुशियार ।
तुम्हरे पीछे कोट - कोट ये ,
बीर खड़े तैय्यार ॥७ ॥
क्या मजाल है भारत में कोई
घस जावेगा काल ।
पंथ पक्ष सब एक होगये ,
करने देश निहाल ॥८ ॥
तुकडयादास कहे तुम सबके
नाम बने मंदिर |
तुम्हरे कुर्बानी से सबके
ऊँचे हो गये शिर ॥ ९ ॥
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