( तर्ज मेरी दोस्ती , मेरा प्यार . )
काहे पीता है शराब ,
काहे पीता है शराब ??
धन भी गमाये , इज्जत न पाये ,
कुल बदनाम कराये ॥ टेक ॥
मानव का बडा दुश्मन ,
बिगडाता सरासर खून
इसकी बडी बुरी है धून ।
कैसे तुझे समझाये ?
कौन गति पाये ?
कुल बदनाम कराये || १ ||
काबू में नहीं है मन ,
बिगडाता सभी जन - गण ।
गाली बकता सदा पल - छन !
घर सारा दुःख पाये , जात सताये ,
कुल बदनाम कराये ॥२ ॥
सब घरदार भया कंगाल ,
पुत्रोंके हुए बेहाल !
तुकडया कहता जरा दे ख्याल ॥
तेरा पिना छुट जाये , सूख घर आये ,
कुल बदनाम कराये ॥३ ॥
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