मेरो ईश्वरमें मन राजी दूजा छोड़के रे !
कोई कुछ भी कहे
मोहे जगमें रे ! ॥ टेक ॥
आसन साधन करना छोडा ,
भेख जोगसे दिलको मोडा ।
नाम रिझावत जाऊँ ,
दिलके छोड डेरे ॥ १ ॥
जंगल बनमें घुमना छोडा ,
गुरुचरणोंपे चितको जोडा ।
धन - संपतको मार जुते ,
गुण गायके रे ॥ २ ॥
शरणागत ईश्वरके जाऊँ ,
जोग जापको दूर हटाऊँ
आत्मस्वरूप ब्रह्मरस
गुरुजी पासमें रे ॥ ३ ॥
पूजापाती दूर हकाला ,
पूजन करनी , स्वरकी माला ।
तुकड्यादास आसरा तेरा ,
श्वासमें रे ||४||
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