न हम मजोंमें न हम सजोंमें ,
न हम हमारे न हम तुम्हारे ॥ टेक ॥
न हम किसीसे बँधे गये है ,
न हम किसीसे छूट गये हैं ।
जो कोइ जैसी नज़रसे देखे ,
वह गुण हममें दिखाय सारे ॥ १ ॥
न हम मरेंगे न हम तरेंगे ,
न हम भरेंगे ये दुःख सारे ।
भरना भराना पहलेहि भोगा ,
अब सब हमारे हम उनसे न्यारे ॥ २ ॥
जहाँकी कुदरत समा रही है ,
वह धार हमपर रमा रही है ।
न अब कमाना न अब गमाना ,
वह दास तुकड्याके तुम पियारे ॥ ३ ॥
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