प्रभु ! मेरी प्रीत तुम्हींसे लगाना |
हरदम नैनन छाना || टेक ||
और न चाहत धन सुत दारा ,
दौलत माल खजाना |
रं - रंगीली तन दिन्हि मोहे ,
आखिर पास समाना || १ ||
काम क्रोध मद मत्सर सारे ,
ध्यानमों तेरे मिलाना ।
तुकड्यादास आसरा तेरो ,
और नहीं मन माना || २ ||
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