||श्री शारदा माता की आरती|| हे शारदे! कहाँ तू बीणा बजा रही है | किस मंजुज्ञान से तू जग को लुभा रही है | किस भाव में भवानी तू मग्न हो रही है, विनती नहीं हमारी क्यों मात सुन रही है | हम दीन बाल कब से विनती सुना रहे हैं, चरणों में तेरे माता हम सिर नवा रहे हैं | अज्ञान तुम हमारा माँ शीघ्र दूर कर दे, द्रुत ज्ञान शुभ्र हम में माँ शारदे तू भर दे | बालक सभी जगत के सुत मात है तिहारे, प्राणों से प्रिय तुझे है हम पुत्र सब दुलारे | हमको दया मयी ले गोद में पढ़ाओ, अमृत जगत का हमको मां शारदे पिलाओ | ह्रदय रुपी पलक में करते है आहो जारी, हर क्षण ढूंढते है माता तेरी सवारी | मातेश्वरी तू सुन ले सुन्दर विनय हमारी, करके दया तू हरले बाधा जगत की सारी |