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अनुभव प्रकाश - २

अनुक्रमणिका

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अ.क्र. भजनाचे नांव ( हिंदी विभाग)
1 गिरीधारी नंदके लाल
2 अरज मेरी सुनो स्वामी
3 सुना हूँ नूर मै तेरा
4 बजे मधुर मधुरसी बासुँरिया
5 अगर तू मोक्ष चाहता हो
6 गगन के बीचमो बाजा
7 जय मंगल गण यदुराई
8 बिघ्न हरण तोरे नाम गणेशा
9 गुरु अब छोड कहाँ जाऊ
10 मोरी बतीया बिगरी
11 मोरे नंदकुँवर ब्रजराजा
12 दिवाने कुछ नही जगमे
13 मान हरगीज मन मेरा
14 बीना गुरुदेव की सेवा
15 तु तो भजले सिताराम
16 धनपर मत रख अपना जान
17 तेरी क्या कहु सुरत यार
18 अपने ही धुनमे गाना
19 क्या ढुंढ रहे हो बनमे
20 नरजन्म फिर नही आवे
21 बने पागल फकीरीमे
22 पियाको छोडकर अपने
23 नर खो दिया उमर फिर
24 ऐ श्याम!प्यारे मोहन
25 यह व्दैत छोड देकर
26 प्यारे तज भ्रम यह अपना
27 प्यारे तू साक्षी तनका
28 तेरी कौन कहावे महीमा
29 भाई!छोड तनुका गर्व
30 मेरो मन ध्यावत कृष्ण कन्हैया
31 सद्‌गुरुनाथकी महीमा न्यारी
32 यह सब जग धनका प्रेमी
33 काहेको भटक नर मरता है
34 नरजन्म सफल करले अपना
35 नर सोच कि अपना
36 इस जगमे कोई न साथी है
37 इस जगमे श्रीगुरु पावन है
38 मनमे नही अब धीर
39 ऐ कृष्ण तेरा नाम तो
40 तुमबीन कौन है हमे
41 चल कदम बढाकर आगे
42 उठो खोलो नैना भैया
43 तनको मलमल न्हाया है
44 कुफरको हटा अभी प्यारे
45 सचको क्यो भूले भाई
46 गफलत क्यो बैठा बंदे
47 बाँके लडते जगमाँही
48 हमसे क्यो करते बाते
49 वही है संत पुरा भाई
50 करना देहहीको सारा
51 किसको सुने न आवे
52 ऐ दिनबंधु मेरे
53 तेरी लिला प्रभुजी
54 ऐ विश्वनाथ स्वामी
55 क्यो सो रहा दिवाने
56 ईश्वर न मानता हूँ
57 ऐ नाथ सुन हमारा
58 राम भजन सबसे अति प्यारा
59 गुरुनाम प्रभुनाम नही भेद या मे
60 मोरे नैनोमे रामजीके नूर खडे
61 मेरा प्यारा किधर गया
62 प्यारे उमरिया खो मत
63 संगमे चोरोंका काहे बजार किया
64 धिरे धिरेसे चलना
65 राम सबमे है भरा
66 मानले साधु कही
67 मस्त होता है उजारा
68 गर्व मत कर देहका
69 कौन दुजा यहापर
70 भोलानाथ दयाल दया कर
71 क्या बातोंसे जाने भाई
72 कौन तरे भवपुर शुर
73 भक्ती रखे दिलके अंदर
74 उठ मुसाफिर क्यो सोया है
75 दिल भटके विषयनमे
76 आज मेरी बिनती सुनके
77 कौन विधी तुम्हरे गुण गाऊ
78 तु है बडा कठीण जमघाट
79 छोडकर चलता मुसाफिर
31 क्यो नही मिलते मुझे
81 भक्तके हितकार हो
82 लीजो खबर मेरी प्रभू
83 पीयगा अमृत वही
84 प्रेम रस जो चख लेता है
85 दिवाने खोल नयन भाई
86 धनपर करते है चैना
87 साधो सुनले कहना रे
88 जग झुकता तो झुकवा दे
89 अब जाग जरा अब जाग जरा
90 दिन जाय रहे दिन आय रहे
91 सब खोइ उमर सब खोइ उमर
92 खो दिया हमने उमर सब
93 होयगा घरका पता जब
94 क्रोध है जिनमे भरा
95 क्या खुदा कुदरतसे ज्यादा
96 बंदे सावध होना है
97 जग स्वारथका भाई
98 बंदे!क्यो दिल भटकाता
99 नर क्यो भटता?
100 चल खोल नयन
101 क्यो? भुल पडा
102 गति कौन भई
103 प्यारे दुनियाँमे जीवन गमाय दिया रे
104 प्यार हिम्मतसे बेडा यह पार है
105 प्यार करना यह सबसेही ठिक है
106 मेरी सुरत तो मुझको सुखा रही
107 झटके पटमे खुशीको बढावना
108 कैसी नैनोमे नैना समा गयी
109 बिन प्रभू न कोई तारे
110 साहबको रखले राजी
111 क्या साहबकी चतुराई
112 बस फिकीर यही दिलमाँही
113 ऐ साधू क्या क्या पाया
114 रे! काहे सिर झुकवावे
115 सोच सम्हले चलो
116 मेरे नैनोकी नैना कही पायगी
117 ताब किसका न चलता गढीके उपर
118 मेरे मनमे मुरलीकी तान भरी
119 गुरु भज गुरु भज गुरु भज भाई
120 गुरुबिन बिरथाही जनम गमाया
121 निजरुप को मिलवा ले पिया रे
122 हरदम साक्षी रहो मेरे भाई
123 हरि कहो कौन नही स्थान तेरा
124 कर सत्संग सुधार तनूको
125 नश्वरपर मत करना भरोसा
126 गुरुनाथ कहे सुन रे साधक
127 स्वाधीन करो मनको अपने
128 कितना तुझको समझाऊ ए मन
129 प्रभु आपही आप समा सबमे
130 देख दिखावु बना चेहरा
131 प्रेमको मारग छोड दियो
132 गुरुके नाम दिल जडे
133 कब भवपार जाऊंगा
134 मरने काहेको डरा
135 मत भूलना दिवाने
136 सोता पडा है तू क्यो
137 बन-बनके साधु आया
138 पर्वा हमें न तनकी
139 दया लो दया लो
140 सदा के लिए दास
141 अगर राम के दर्शकी हो मनीषा
142 कसम तेरी मौला तुही एक मेरा
143 यही यार तुझको
144 पिया देखते
145 हरिनाम भजन बिन कोई
146 बिन प्रेम भजनसे साई
147 यह माया दुर्धर भारी
148 दुर्गुणसे मानुज सारे
149 काहे नर विषय भ्रमाया
150 इस मायामे क्यो भुला
151 है वही बोध गुरुजीका
152 धर भाव गुरु दिलम्याने
153 क्या फजुल बकते बाता
154 अजि सुनो ग्यानकी बाता
155 तुही सबका साथी स्वामी
140 यार कब मिलोगे हमसे
140 नाम तेरा प्यारा सबमें
158 लिजीए पुकार मेरी
159 नही पार लगे प्रभुके गुणका
160 कर नाथ दया यह दिननपे
161 नर कौन सहायक नाथबीना
162 ना रहि किसकि बानी
163 कहो कौन तरे भव जलमे
164 कुछ सोच समझकर बंदे
165 भजो रघुनाथको प्यारे
166 प्रभुका नाम गानेसे
167 चुकाकरके चले दिलको
168 अजब तेरा तमासा
169 अगर तू जग बशी चाहता
170 धरा है क्या बकाने मे
171 जप निपट निरंजन भाई रे
172 नर साध प्रभू सुखदायी
173 क्यो भूल रहा बिरथा प्यारे
174 मै भूल गया हरगीज जगा
175 निरंजन बनका पंथ
176 अजि खचर मुद्रा
177 घटका पट खोलो
178 मत सोवे बंदे
179 धनका मत कर गुमान भाई
180 खोजो घटके अंदर यार
181 अपनेको आप भुलके
182 चल खोल नैन भाई
183 है अजब प्रभुकी माया
184 भजन पुजन कर
185 भटक रही अब बुद्धिया हमारी
186 प्रभु तेरो रुप मेरो
187 इस मायामों आकर भटका
188 सदगुरु चरण धरे
189 कहना मत मानो साधूका
190 मनके मनमें देखो साँई
191 अजि कहो कैसे करु स्वामी
192 सुधारो देह देवलको
193 भाई मनमो धीर धरलो
194 कृपा कर नाथ अब मुझपे
195 बिना हरिके भजन कोई
196 भजन कैसे बने उनसे
197 सुधरले यार जिंदगानी
198 कहाँ करते हैं साधुजन
199 कहाँ ईश्वर पडा बंदे
200 भोग सब ये खुदीपर हैं
201 साधो बनमे ही काहेको भूल
202 नरतन पाई जतन कर
203 मनमे लाओ लगन
204 दुनिया झुकती है
205 कैसे जाऊ मै मोरी
206 हो हरि पावन
207 छोड मगरुरी भज सदगुरुको
208 अखियाँ प्रेमनकी भुखी है
209 मै जानत सुख उन चरणनमे
210 लागे अनहदकी धुन प्यारी
211 क्यो फिरता नर
212 मत सो रहे भोले
213 धन एक है बडा
214 तनमे करो कोड खोज जी
215 प्रभुके बिना न सकल
216 मोहे लागत नाम पियारा
217 सब भूल गये तनकाज
218 जप जाओ हरिके नाम
219 हरि तुम्हरी महीमा न्यारीजी
220 है कौन जगतमे साथी
221 अपने आप न कोई पछाने
222 दिलका मैल सफा कर लेना
223 सियाराम नाम जप प्यारे
224 इस जगमे है अमृत सार
225 देखले उलटे नयनसे
226 भागसे तेरे मुसाफिर
227 दिन चले बिते है सारे
228 भागसे पाई है नरतन
229 जानले अपना भरोसा
230 जो कसुर होगा हमारा
231 ऊँचि है प्रभुकी जगह
232 यह जमाना झुठाईका वार है
233 नेकी कर तो इस जगमे सलाम है
234 यह गुनाह तेरे सिरपे तैयार है
235 क्या खुदाई खुदीसे नियार है
236 भाई दुनियामें जीना निकाम है
237 चल उठो करलो तयारी
238 मौत जीना है किसे
239 कर पत्ता घरका गडी
240 नाथके दर्शन बिना
241 कर मजा दुनियामें आकर
242 मोक्ष मुक्ती स्वर्ग भूमी
243 धिर ना तेरे बिना
244 क्या कोई है ऐसा ग्यानी
245 खोजो सार जगतमाही
246 बातमे जनम गमाया
247 धुंदी छोड अभी प्यारे
248 बने मस्ताने अपने मे
249 साधो खोज करो तनमो
250 कमाई ऐसी करता है
251 मरण जीना तनुको है
252 गुरुका नाम रट भाई
253 अगर भवपार होना हो
254 स्वरुप पहिचानलो अपना
255 अरे गाफिल कहाँ सोये
256 सुना मैने गुरुजनसे
257 कहो कैसे रहे जगमे
258 बना सत् संग यह अंजन
259 हुशारी रखो तन मंदर भाई
260 समझयार तू क्यो पगला बनता
261 सोचकर चलो समझ सुजानो हो
262 त्याग कर प्यारे इस झुठे मनका
263 ख्याल कर जरा अपनी कायामो
264 जौहरी होने को चटका
265 छोड दे झुठोंका फंदा
266 भज तु हरिको ऐसा रे
267 देखो कलजुगके ग्यानी
268 कलीने सबका मत मारा
269 किसने चैन सिखाया है
270 झूठी मायामो भूला
271 आकर मायामो भटके
272 मनका मत सुनना गाना
273 दुनियाकी लालचोमे
274 नर तन अमोल यह है
275 बन बनके यार आया
276 मायामो सब भरा है
277 निजरुप वह तुम्हारा
278 सुनले सुजान भाई
279 तुम हो दयाल साँई
280 मस्तोके मस्त वेही
281 मत धरो करमका फंदा
282 क्यो नाहक धोखा खाया
283 अजि तोडो मनका
284 लख रुप दिवाने घटमे
285 दिलखुशी फकीरी पाई
286 क्यो चौरासी मो लटके
287 खासका पछाना करना
288 है कहाँ मुकाम तेरा
289 कैसे जाऊँ पाणी भरने

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वं.राष्ट्रसंतांचे मोठे गुरुबंधु समर्थ लहानुजी महाराज,टाकरखेडा

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चलती के सब है प्यारे

  चलती के सब है प्यारे बिगडी को कौन सुधारे ? कोई मिले , सखी के लाल भले! ||टेक|| जब तक ज्वानी का भर है तब तक ही नारी तर है  अब इन्द्रिय पाँव पसारे तब कोई सुने न हमारे   कोई मिले , सखी के लाल भले! ||१|| जब जर जेवर है कर मे तब मित्र बने घर-घरमे धन गया - न कोई पुकारे सब भग जाते डर सारे कोई मिले , सखी के लाल भले! ||२|| जब सत्ता पास रहेगी  तब हाँजी -हाँजी होगी  जब चुनाव मे जा हारे कुत्ते नही जाय पुकारे । कोई मिले ,  सखी के लाल भले! ||३|| जब तप का बल हैं भारी ।  तब झुण्ड पडे नर- नारी तप भ्रष्ट भीख नही डारे  घुमते रहो मारे -मारे   कोई मिले  सखी के लाल भले! ||४|| यह तुकड्या ने कहलाया ।  सब प्रभु की छायी माया ।  जब सत्गुरु किरपा तारे ।  तब दुनिया चरण पखारे ।।  कोई मिले ,  सखी के लाल भले ! ॥५ ।।  सुरत ,  दि . १२ - ९ -६२